Thursday 19 March 2015

मुझको पिलाओ यारो…..

आज फिर जी भर के मुझको पिलाओ यारो,
मैं तो झूमा हूँ, मुझे और झुमाओ यारो..
आज इतनी पिलाओ कि फिर होश न रहे,
अब तो साकी से मुझे और दिलाओ यारो..
रात आधी है बंद है मयकदा,
मेरे जीने के लिए इसको खुलाओ यारो..
पी पी के मरने में वक़्त लगेगा मुझे;
आज ही बंद करके मय न जलाओ यारो.
फिर कभी याद में उसकी न धुआं दिल से उठे ,
इसलिए दिल में लगी आग बुझाओ यारो…
आज फिर जी भर के मुझको पिलाओ यारो..

…atr

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