Thursday 19 March 2015

जीवन की पुस्तक....



मेरे जीवन की पुस्तक को है पढ़ पाना बड़ा मुश्किल ,
 कि इसमें दुःख है पीड़ा है सुख पाना बड़ा मुश्किल .
ये पुस्तक आज भी यूँ मीर स्वर्णिम ही रही होती ,
 तुझे पाना बड़ा मुश्किल तुझे खोना बड़ा मुश्किल…
       …atr

No comments:

Post a Comment

|| गुमनाम पत्र ||

|| गुमनाम पत्र || (स्नातक के समय लिखा हुआ अपूर्ण , परित्यक्त ग्रामीण अंचल पर आधारित उपन्यास का एक अंश ) -अभिषेक त्रिपाठी माघ महीने के दो...