दिल हमारा गा रहा है प्रेम का नवगीत फिर से ,
आँख से झर झर निकलते अश्रु का संगीत फिर से.
ज्यों की पंकज फूलने से पूर्व खुद को धो रहा हो ,
या कि किसलय गर्भ के पश्चात जी भर रो रहा हो.
वेदना के चरम पर आनंद का नवगीत फिर से,
आँख से झर झर निकलते अश्रु का संगीत फिर से.
ज्येष्ठ की तपती दुपहरी में की ज्यों बरसात होगी ,
या की सावन के अमावस में चमकती रात होगी ,
गुनगुनायेंगे सितारे, चांदनी गायेगी मेरे गीत फिर से ,
आँख से झर झर निकलते अश्रु का संगीत फिर से.
दिल हमारा गा रहा है प्रेम का नवगीत फिर से|
...atr
आँख से झर झर निकलते अश्रु का संगीत फिर से.
ज्यों की पंकज फूलने से पूर्व खुद को धो रहा हो ,
या कि किसलय गर्भ के पश्चात जी भर रो रहा हो.
वेदना के चरम पर आनंद का नवगीत फिर से,
आँख से झर झर निकलते अश्रु का संगीत फिर से.
ज्येष्ठ की तपती दुपहरी में की ज्यों बरसात होगी ,
या की सावन के अमावस में चमकती रात होगी ,
गुनगुनायेंगे सितारे, चांदनी गायेगी मेरे गीत फिर से ,
आँख से झर झर निकलते अश्रु का संगीत फिर से.
दिल हमारा गा रहा है प्रेम का नवगीत फिर से|
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