यहाँ हर शख्स है तेरा, वहां हर कब्र है मेरी,
जहाँ कैसा बनाया है खुद ने क्या इरादा था?
अब तो हालात भी मुझसे मिचौली आँख करते है,
को सपनो में आता है ,किसी को याद करते है.
मुझे है डर कहीं फिर से किसी हूरों की महफ़िल में,
उड़ाया फिर से न जाये ,ये कुचला जिगर मेरा..
जहाँ कैसा बनाया है खुद ने क्या इरादा था?
अब तो हालात भी मुझसे मिचौली आँख करते है,
को सपनो में आता है ,किसी को याद करते है.
मुझे है डर कहीं फिर से किसी हूरों की महफ़िल में,
उड़ाया फिर से न जाये ,ये कुचला जिगर मेरा..
...atr
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